महाराष्ट्र



धनंजय की वापसी से जुड़ी NCP की घड़ी, बिगड़ा अजित का गेम और लौटा पवार का पावर







महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे 24 अक्टूबर को आए गए थे, जिसमें भाजपा-शिवसेना के गठबंधन को स्पष्ट जनादेश मिला था। इसके बावजूद एक महीने में भी महाराष्ट्र में सरकार नहीं बन सकी। इसकी वजह थी मुख्यमंत्री की कुर्सी, जिस पर दोनों में सहमति नहीं बन पाई। लेकिन जिसके बाद राज्य ने कई अनूठे गठबंधन देखें। सीएम पद की चाह के साथ शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी से जा मिली वहीं बीजेपी ने तो शरद पवार की पार्टी में ही सेंध लगाते हुए उनके भतीजे को अपने साथ मिला लिया। लेकिन आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट वाले फैसले के कुछ घंटे के भीतर महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार 80 घंटे में ही धराशायी हो गई। पहले तो अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दिया। उसके बाद बारी थी देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफा देने की।


वर्तमान में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की ओर से नई सरकार के गठन को लेकर आज शाम 7 बजे दावा पेश किया जाएगा। लेकिन इन सब के बीच आखिर ऐसा क्या हुआ जिससे की झटके में सीएम और डिप्टी सीएम की शपथ लेकर सभी को चौंकाने वाले फडणवीस और अजित इस्तीफा देने पर हो गए मजबूर। दरअसल, शरद पवार के भतीजे ने महाराष्ट्र की राजनीति में इतना बड़ा सर्जिकल स्ट्राइक अकेले नहीं किया, बल्कि उन्हें राज्य के एक और दिग्गज नेता के भतीजे का साथ मिला था। दरअसल, खबर ये है कि अजित के सारे खेल में दिवंगत गोपीनाथ मुंडे के भतीजे और एनसीपी के विधायक धनंजय मुंडे ने उनका साथ दिया था और महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के गठन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वो धनंजय मुंडे ही थे जिन्होंने अजित पवार के लिए एनसीपी विधायकों को एकजुट किया था।


राजभवन गए एनसीपी विधायक राजेंद्र शिंगणे ने शरद पावर की प्रेस काफ्रेंस में दावा भी किया था कि उन्हें धनंजय मुंडे के घर पर रहने के लिए कहा गया था। जिसके बाद उन्हें सीधा राजभवन ले जाया गया। लेकिन शरद पवार के मानस पुत्र माने जाने वाले धनंजय के एक बार फिर से एनसीपी के खेमे में चले जाने के बाद बाजी अजित पवार के हाथ से निकल गई और फडणवीस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा। बता दें कि धनंजय मुंडे बीजेपी के कद्दावार दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं। जिन्होंने हाल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी बहन व गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे को परास्त किया।